Friday, September 28, 2018

ज़िन्दगी मेरी TEACHER : ज्ञान और लक्ष्य

     
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         हेलो दोस्तो ! कैसे है आप सभी ? मुझे पता है अच्छे ही होंगे। दोस्तों हमने अपने पिछले blogs में जाना अनुशासन और समर्पण के बारे और जाना सोच और डर के बारे में की किस तरह ज़िन्दगी हमे ये चीज़े सिखाती है अगर आपने वो blogs नही पढ़ा है तो please उसपर भी एक बार नज़र डालिये। तो दोस्तों आज हम जानेंगे की ज़िन्दगी में 'ज्ञान' और 'लक्ष्य' का कितना महत्व होता है और ज़िन्दगी इसका महत्व हमे किस तरह सिखाती है ,यह दोनों चीज़े भले ही अलग हो पर इनका एक दूसरे के साथ काफी गहरा संबंध है। ज़िन्दगी में सफलता हासिल करने के लिए हम क्या कुछ नही करते मेहनत करते है, अनुशाषित भी हो जाते है, सोच भी बड़ी रखते है और अपना सबकुछ समर्पित भी कर देते है, लेकिन क्या होगा अगर हम अपनी सारि ऊर्जा एक ऐसे रास्ते पर खर्च कर रहे है जिसका हमे ज्ञान ही न हो, जिसके मंज़िल के बारे में हमे पता ही ना हो तो ज़रा सोचो क्या होगा ? मैं जनता हु क्या होगा - बस समय की बर्बादी होगी और हमे कुछ हासिल नही होगा और फिर क्या हम इसका दोष किस्मत को देदेगें और ज़िन्दगी से हार जायेगे, लेकिन क्या ये सही है ? मैं कहूंगा नही! यह सही नही है। हमे इसका कारण जानना चाइये और वह कारण क्या है, की इतनी ऊर्जा खर्च करने पर भी सफलता नही मिल रही है, तो मैं कहूंगा वो है आपका 'अधूरा ज्ञान' और 'अधूरा लक्ष्य'। अब्दुल कलाम जी ने बहोत बढ़िया बात कही है - "ज्ञान ही एक ऐसी चीज़ है जो आपको महान बनाती है।" ज्ञान ही एक ऐसी संपत्ति है जिसकी शुरवात तो है लेकिन अंत नही वो क्योंकि वो असीम है आसमान की तरह। अगर किसी field का आपको विशिष्ट ज्ञान हो तो आप अपना लक्ष्य निर्धारित कर सकते हो, यह काफी आसान फार्मूला है लेकिन इसे न जाने क्यों लोगो को समझने में इतना वक़्त लग जाता है - { ज्ञान = लक्ष्य = सफलता }। तो आइए जानते है 'ज्ञान' और 'लक्ष्य' के बारे मे की क्यों ये ज़िन्दगी में इतना महत्वपूर्ण है ।
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        शास्त्रो में लिखा है मनुष्यो और जानवरों को अगर कोई चीज़ अलग करती है तो वो है मनुष्यो के पास होने वाला ज्ञान, क्योंकि  नींद, भोजन, भोग और भय तो जानवरो के द्वारा भी की जानेवाली प्रक्रियाये है, लेकिन उनके पास सिर्फ एक चीज़ का अभाव होता है और वो है मनुष्यों की तरह ज्ञान। अब मैं सोचता हु ज्ञान क्या है ? तो ज्ञान के बारे में कुछ लोग कहते है की जो हमे किताबो से प्राप्त होता है जो हमे हमारे गुरु सिखाते है वो ज्ञान होता है। ये कुछ मायनो में सही भी है,लेकिन पूरी तरह से से नही क्योंकि असली ज्ञान की प्राप्ति तो हमे हमारे अनुभव से होती है, ज़िन्दगी से होती है इसीलिए ज्ञान को अनंत कहा गया है क्योंकि एक दिन ज़िन्दगी खत्म हो जाती है लेकिन ज्ञान नही । ज्ञान एक ऐसा हथियार है जो मनुष्य के साथ ज़िन्दगी भर होता है इसलिए शायद दुनिया आपसे सब कुछ छीन भी ले तो भी ज्ञान नही छीन सकती क्योंकि ये आंतरिक होता है,शायद यही कारण है की माता पिता हमे शिक्षण पूरा करने के लिए इतना जोर देते है, जरा सोचिये आपके पास सब कुछ है धन दौलत ,शोहरत सब कुछ लेकिन सही ज्ञान नही है उसे संभालने का तो एक दिन आयेगा जब आप सबकुछ खो दोगे,क्योंकि दुनिया बड़ी ज़ालिम है दोस्तो ये आपको लूटने में समय नही लगाएगी। उदहारण; एक अमीर आदमी के 2 पुत्र होते है राम और श्याम और वे दोनों पिता के लाडले भी होते है। राम को शिक्षण हासिल करने का बहोत शौक होता है,और श्याम सिर्फ मस्ती में ही अपना दिन बिताता है। राम अपनी  degree भी पूरी कर लेता और श्याम उसपर हस्ते हुए कहता है की हमारे पास तो इतना पैसा है तो पढ़ने की क्या ज़रूरत है? और राम उसे कभी कोई जवाब नही देता ,एक दिन उनके पिता गुज़र जाते है और उनके नाम अपनी सारि दौलत को आधा आधा बाँट देते है,राम पढ़ा लिखा होता है वो अपनी दौलत का सही इस्तेमाल कर उसे और ज़्यादा बड़ा लेता है लेकिन श्याम सिर्फ अपनी दौलत उड़ाता रहता है। एक दिन श्याम की सारी दौलत खत्म हो जाती है और वो परेशान होकर राम के पास आता है और उससे पूछता है की राम मेरा तो सब धन खत्म हो गया लेकिन तुम्हारे पास और अधिक धन कैसे आ गया,तब राम उसे जवाब देता है - भय्या आप हमेशा मुझसे एक सवाल करते थे की तुम पढ़ाई में इतनी मेहनत क्यों करते हो तो इसका जवाब आज देता हु  और इसका जवाब है मेरी आज की परिस्थिति जो आप जैसी नही है और श्याम शर्म से अपना सिर झुका लेता है। तो इस उदहारण से आप समझ ही गए होंगे की ज्ञान का अभाव आपसे बहोत कुछ छीन भी सकता है या फिर कभी कुछ हासिल नही होने देता, इसलिए ज्ञान इतना महत्वपूर्ण है। ज्ञान 2 प्रकार के होते है - ◆सामान्य ज्ञान ◆विशिष्ट ज्ञान। सामान्य ज्ञान हमे हमारे माता पिता और गुरुओ से मिल जाता है जो की काफी ज़रूरी है , परंतु विशिष्ट ज्ञान हमे अपने अनुभवों से स्वयं हासिल करना पड़ता है जो की आपको सफल बनाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है क्योंकि विशिष्ट ज्ञान ही आपको सही लक्ष्य ढूंढने में मदद करता है, और आपकी मंज़िल को रास्ता देता है। अगर आपके पास विशिष्ट ज्ञान का अभाव है तो आज ही फैसला ले आवश्यक ज्ञान हासिल करने का और जब ज्ञान हासिल हो जाए तो अपने लिए सही लक्ष्य निश्चित कीजिये और योजना बनाइये उसे हासिल करने का, अगर आप अपने field में  काम करोगे तो खुश भी रहोगे । विशिष्ट ज्ञान अपके विचारो को मूल्यवान बनाता है और दुनिया उन्हें महान कहती है जिनके विचार मूल्यवान हो । अब मैं सोचता हु ज्ञान क्यों ज़रूरी है - आप मानो या न मानो दोस्तो इंसान अपनी औकात के हिसाब से ही पैसे कमाता है, बहोत लोग नाराज़ होते है के वो ज़्यादा पैसे नही कमाते और ये सोचकर वो और मेहनत करते है,लेकिन यहा वो सबसे बडी गलती करते है, उन्हें मेहनत बढ़ाने से अच्छा खुदकी value बढ़ानी चाइये क्योंकि 24 घंटे के दिन में आप 25 घंटे काम नही कर सकते है लेकिन अपनी value बढ़ाकर अपनी salary ज़रूर बढ़ा सकते हो, और दोस्तो आप सभी जानते है हमारी value बढ़ती है हमारे हासिल ज्ञान से हमारे सोचने की ताक़त से। एक ही आफिस में लोग 8 घंटे काम करते है लेकिन सभी की salary में फर्क होता है क्योंकि किसीको 20 हजार मिलते है तो किसीको 1 लाख ऐसा इसलिए होता है की उन सबकी value में फर्क होता है उनका सबका अलग ज्ञान होता है जिसके आधार पर उन्हें उनकी salary मिलती है और इसलिए ज्ञान इतना ज़रूरी है। किताबे पढ़े खुदको devlope करे और असीम ज्ञान हासिल करे ताकि आपकी वैल्यू खुद बढ़ जाए और पैसा खुद आपके पास चलके आये । ज्ञान सबसे श्रेष्ट है और यही आपको आपके जीवन का लक्ष्य और सफलता हासिल करता है ।
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        लक्ष्य क्या है? लक्ष्य एक मार्ग है जो आपको आपके मंज़िल को पाने में बहोत मदद करता है, आपमे से कितने ही लोग होंगे जो रोज़ एक नया लक्ष्य लेकर घर से निकलते है, जो की काफी प्रशंसक बात है लेकिन कितने ही लोग है इस दुनिया में जो बिना लक्ष्य के आज भी जीवन बिता रहे है जो की काफी डरने वाली बात है। लक्ष्य कुछ भी हो सकता है किसी student के लिए 90% लाना लक्ष्य हो सकता है या फिर किसी employee के लिए अच्छा performence देना एक लक्ष्य हो सकता है। जिसने अपने ज़िन्दगी में लक्ष्य को महत्व दिया उसे ज़िन्दगी महत्व देती है। ज़रा सोचिये अगर हमे पता है के हमे कहा जाना है तो हम शायद वहा जल्द पहोच सकते है लेकिन अगर हमे पता ही न हो की हमे जाना कहा है तो शायद हम भटक जायेगे उसी तरह ज़िन्दगी में अगर कोई लक्ष्य न हो तो शायद हम ज़िन्दगी की सफलता से भटक जायेगे और हमारी teacher ज़िन्दगी ये कभी नही चाहती। हर किसीके पास सीमित ऊर्जा और समय होता है, और अगर हम इस ऊर्जा और समय को सही लक्ष्य को पाने में लगाए तो हमे हमारी सफलता ज़रूर मिलेगी। हर वयक्ति का एक specific लक्ष्य होना चाइये वो बड़ा हो या छोटा फर्क नही पड़ता बस वो specific होना चाइये, उदहारण के लिए अगर कोई वयक्ति किसी ट्रैन स्टेशन पर टिकट लेने जाए और वहा उससे पूछा जाए की आपको कहा जाना है और वो वयक्ति कहे मुझे नही पता कही भी ले चलो तो उस वयक्ति का क्या होगा ज़रा सोचिये ? न तो वो कोई मंज़िल तक पहोच पायेगा ,समय की बर्बादी अलग होगी और दुनिया उसपर हँसेगी अलग,लेकिन अगर उसे पता है की उसका destination क्या है तो वो एक समय के बाद अपनी मंज़िल पर पहोच ही जाएगा, वैसे ही हमारी ज़िन्दगी में होता है की हमे हमारा लक्ष्य अगर सही पता हो तो हम भी मेहनत कर एक दिन वहा पहोच ही जाते है जहा हमे पहोचना है। बहोत लोग होते है जो काफी ऊर्जावान और उत्साहित होते है लेकिन उनके पास कोई लक्ष्य ही नही होता तो आप ही बताइये ऐसे उत्साह और ऊर्जा का कोई मतलब होगा? मैं कहता हु नही ! हर इंसान के पास लक्ष्य होना ही चाइये और उन्हें अपनी ऊर्जा वही खर्च करनी चाइये। तो आज से  ही दोस्तो आप भी ठान ले की रोज़ छोटे छोटे लक्ष्य बनायेगे और  उन्हें पूरा कर एक दिन बड़ी मंज़िल हासिल करेंगे !
                                                                                                                              धन्यवाद !
अगर आपको मेरी पोस्ट पसंद आयी हो तो please शेयर कीजिये और कमेंट किजिये और फॉलो करना न भूले मैं आपको ऐसे रोचक बातो वाली पोस्ट देता रहूंगा मैं आपका दोस्त निष्कर्ष सिद्धार्थ ।
            
        

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