Thursday, October 25, 2018

ज़िन्दागी मेरी TEACHER : टाइम मैनेजमेंट और प्लानिंग



       हेलो दोस्तो ! मैं आपका दोस्त निष्कर्ष सिद्धार्थ! कैसे है आप सभी , मैं आशा करता हु अच्छे ही होंगे। हमने अपने पिछले पोस्ट्स में काफी अच्छे सिद्धांत समझे जो हमे हमारी टीचर ज़िन्दगी सीखना चाहती है, और कृपया कर आप उसपर भी एक नज़र डालिए। आज हम बात करने वाले है बहोत ही इम्पोर्टेन्ट टॉपिक पर जिसे हम कहते है "टाइम मैनेजमेंट" और इसिसे से जुड़ी होती है "प्लानिंग" जो हमे सफलता हासिल करने में मुख्य भूमिका निभाती है। दोस्तो टाइम मैनेजमेंट को समझने के पहले आपको समय की ताक़त को समझना होगा। शास्त्रो में लिखा है और आप सभी जानते भी होंगे की इस धरती पर सबसे बलवान अगर कोई चीज़ है तो वह है समय, क्योंकि यह निस्वार्थ है और इसका न्याय किसीमें फर्क नही करता। ये न गरीबो को जानता है और ना ही अमीरों को, ये ना किसीका औदा समझता है  और ना ही किसीका पैसा। ये सिर्फ अपने आप को जानता है, और अपना धर्म समझता है और इसका धर्म है निरन्तर चलते रहना, और सबसे महत्वपूर्ण बात ये कभी किसी के लिए नही रुकता। ये एक एकलौता ऐसा नियम है जो हमारी टीचर ज़िन्दगी हमे जीवन भर सिखाती रहती है,और शायद ये ज़रूरी भी है। समय की एक खास ताक़त होती है और ये ही एक ऐसा यंत्र है जिसपर आपने अगर काबू पा लिया तो आप कुछ भी हासिल कर सकते हो। समय लेन देन का पक्का होता है, और अगर आप इसकी इज़्ज़त करोगे तो समय आपकी बहोत इज़्ज़त करेगा, और अगर आपने इसकी इज़्ज़त नही की तो ये इतने ज़ोर से आपको मुह के बल गिरायेगा की संभलने में काफी मुश्किल होगी। समय में ही ताक़त होती है जो आपका समय बदल सकता है, केहने का मतलब है के आप को समय गरीब से अमीर बना सकता है अगर आपने सही प्लानिंग के साथ इसका प्रयोग किया तो। समय को तो आप समझ ही गए होंगे तो आइये समझते है समय के मैनेजमेंट को और प्लानिंग को।
   

         टाइम मैनेजमेंट क्या है? आप कहोगे टाइम से सारी चीज़े हो जाए तो उसे टाइम मैनेजमेंट कहते है। लेकिन क्या इसका जवाब सिर्फ इतना ही है। मैं कहूंगा नही! ये इतना आसान नही है। टाइम को काबू कर पाना इतना आसान नही होता और इसका सबसे बड़ा दुश्मन होता है हमारा 'आलस'। एक उदहारण से आपको समझना होगा - मानिये आपका किसी रोज़ सुबह 8 बजे का इंटरव्यू है और आपका मानना है के आप उस इंटरव्यू के लिए बेस्ट कैंडिडेट है,और शायद आप है भी, क्योंकि आपने उस इंटरव्यू के हिसाब से काफी स्टडीज कर रखी है। आप रात को सारा अभ्यास कर पूरे विश्वास के साथ सुबह 6 बजे का अलार्म लगाकर सो जाते हो, किन्तु सुबह जैसे ही  6 बजे अलार्म बजता है तो आपका आलास आपके सामने आकर खड़ा हो जाता है और वो आपसे कहता है की अभी तो इंटरव्यू के लिए 2 घंटे बाकी है तो क्यों जल्दी उठना और आप उसकी बात मानकर वापिस सो जाते हो और इसी छोटीसी नींद मे आप अपने 2 घंटे के समय से आधा घंटा बर्बाद कर देते हो। सोने के बाद 6.30 बजे उठते ही आप हड़बड़ा जाते हो और कोशिश करते हो की आप जल्दी तैयार हो जाए, लेकिन आपको हमेशा की तरह 1 घंटा ही लगता है तैयार होने में, जिस वजह से आप अपने इंटरव्यू के लिए पूर्ण अभ्यास नही कर पाते, और सिर्फ बचे आधे घंटे के में आप अपने इंटरव्यू के आफिस पहोचने की कोशिश करते हो,जिसमे आप असफल हो जाते हो और 5 मिनिट देरी से पहोचते हो। अब ये 5 मीनट फैसला करते है की आपको इंटरव्यू देना चाइये या नही और आपको इंटरव्यू देने के लिए मना कर दिया जाता है। क्या ये 5 मिनिट इतने इम्पोर्टेन्ट थे ? तो मैं कहूंगा हा! ये बहोत इम्पोर्टेन्ट थे। मैंने कहा था की वक़्त किसी के लिए नही रुकता और इसीलिए वो 5 मिनिट का फायदा किसी औऱ कैंडिडेट मिल गया जो शायद आपसे ज़्यादा काबिल भी नही था, लेकिन उसने समय की कदर की और समय ने उसकी, और आपने आलस की कदर की और बदले में आपको मिली सिर्फ नाकामयाबी। इस उदहारण में आपकी काफी गलतियां थी जैसे पहला आपने अपने समय को सही तरीके से प्लान नही किया और ना ही इसका इस्तेमाल किया। दूसरा आपने देरी से उठने के बाद समय को बराबर प्लानिंग के साथ विभाजित नही किया जिससे आपका वक़्त बच सके। तीसरा और सबसे महत्वपूर्ण अपने समय की इज़्ज़त नही की। ज़रा सोचिये आपकी बरसो की मेहनत सिर्फ 5 मिनिट के वजह से बर्बाद हो गयी। आप जो सफलता के काबिल थे उसे कोई और उड़ाकर ले गया क्या ये सही है? इसका जवाब आप शायद ज़्यादा अच्छा जानते है। आपको बस एक चीज़ करनी आनी चाइये और वो है सही टाइम मैनेजमेंट और सही प्लानिंग। यह एक छोटा सा उदहारण था और आप इसे अपने जीवन के कई किस्सो से जोड़ सकते है जहा आपकी देरी होने के वजह से अपने अच्छा अवसर खो दिया हो।

   
   
     
     
        प्लानिंग क्या है? प्लानिंग एक छोट सा नियम है जिसे आपको कोई भी कार्य करने के पहले बनाना पड़ता है और उसीपर कार्य कर वो कार्य पूर्ण करना पड़ता है, मानिये ये एक ब्रिज जैसा है जो आपकी सोच को आपके होने वाले कार्य से जोड़ता है। कई बार प्लानिंग फ़ेल भी हो सकती है, लेकिन इसकी एक खास बात है की ये के बार बनाई जा सकती है, क्योंकि ये आपके सोच से जन्म लेती है। एक प्लानिंग के साथ आप उसके फ़ेल होने के डर से कई और प्लान्स भी बना सकते है जैसे आपने कई बार सुना भी होगा की प्लान A काम नही आया तो प्लान B इस्तेमाल कीजिये। प्लानिंग की प्रोसेस यूनिवर्सल है ये पूरी दुनिया में की जाती है, तो यह आपका कार्य है की आप इसे सही तरीके से करे ताकि आपकी मंज़िल आपको जल्द से जल्द प्राप्त हो सके। टाइम मैनेजमेंट और प्लानिंग को समझने के बाद हम इसे कैसे इस्तेमाल कर सकते है। आइये कुछ टिप्स द्वारा सीखते और समझते है।

     
   
        हम सभी को तकलीफ होती है के हमारे पास टाइम कम होता है, और हम कम समय में ज़्यादा कार्य करना चाहते है, तो इसी समस्या से लड़ने के लिए मैंने नीचे कुछ टिप्स दिए है जो की 'ब्रायन ट्रेसी' की मशहूर किताब 'मास्टर योर टाइम मास्टर योर लाइफ' से लिए गए है जिससे आप अपना हर कार्य वक़्त पर कर सकते है और सफलता हासिल कर सकते है।

 1) दिन शुरू होने के पहले प्लान करना:
        इस टिप में आपको समझना होगा की आप दिन शुरू करने के पहले ही अपने सारे दिन का प्लान बना ले ताकि आपको पता रहे की आपको अगले सारा दिन क्या करना है। इसके लिए आप रात को सोने से पहले ही अपने मोबाइल नोट्स या डायरी में अपने अगले दिन का शेड्यूल लिख सकते है, ताकि आप उसी प्लानिंग के हिसाब से अपना अगला दिन का सारा काम आसानी से वक़्त पे कर सके और जिससे आपको सारी बाते भी याद रहे।

2) 80-20 नियम पर काम करना:
    परेटो प्रिंसीपल नाम से एक नियम है, जो कहता है की आपको 80% नतीजे आपके 20% काम से ही मिलते है, तो अगर आपको भी सफल होना है, तो आपको इस नियम के अनुसार चलना होगा। आपको कोशिश करना होगा की आप हर रोज अपने उन 20% कामो की लिस्ट बनाये जिस्से आपको 80% नतीजे हासिल हो और आप जब उन 20% कार्यो पर काम कर रहे हो तो उसपर अपनी 80% ऊर्जा और वक़्त लगाए ताकि आपको जल्द से जल्द सफलता हासिल हो और आपका समय भी बचे।

3)अपने कार्य को टाइम ब्लॉक्स में तैयार करना:
        दोस्तो आपके पास टाइम लिमिटेड है और अगर आप सारा टाइम किसी एक काम में ही दे दोगे तो शायद आपके दूसरे काम वक़्त पे नही हो पाएंगे, इसीलिए आप जब भी अपने कामो को लिस्ट बनायेगे तो उसके साथ ही हर कार्य के लिए एक टाइम ब्लॉक भी फिक्स कर दीजिये। कहने का मतलब ये है की अगर आपको दिन में 4 कार्य है और वो 4 कार्य आपके लिए महत्वपूर्ण है तो उसे आप टाइम ब्लॉक्स में डिवाइड कर दे, इससे आपको आसानी होगी। आपको जितनी मेहनत करना है करिये लेकिन अपने हर टाइम ब्लॉक को वक़्त पर खत्म करिये, इससे आप देखेगे की आप कैसे अपने हर कार्य वक़्त पर आसानी से कर पाएंगे।

4) काम से ख़ुदको थोड़ा ब्रेक देना:
          किसी काम को जादा अच्छे से करने के लिए के लिए जरूरी है के आप अपने काम से थोड़ा ब्रेक भी ले। ये ब्रेक आपके डेली और वीकली शेड्यूल में शामिल होना चाइये। अगर आप 2 घंटे काम करते है तो 15 मीनट का ब्रेक लेने में  कोई बुराई नही है, साथ ही आपको आपके वीक,मंथ और साल में भी ब्रेक लेना चाइये। इस ब्रेक को फन एक्टिविटी के रूप में एन्जॉय करना चाइये, ऐसा करने से आप अपने कार्य से कभी बोर नही होंगे और आपको आपके काम करने की ऊर्जा भी मिलती रहेगी।

5) वक़्त को पैसे की तरह खर्च करना:
        सबसे इम्पोर्टेन्ट टिप यही है के आप अपने वक़्त को पैसे की तरह खर्च करे। मानिये आपके पास 86400 रुपये है, और आपको ये पैसे खर्च करना है या फिर किसीको देना है, तो क्या आप बिना कुछ लिए ये पैसा किसी और को देदेगें। मैं जनता हु आप नही देगे, क्योंकि आप किसीको 100 रुपये भी देगे तो बदले में उससे 100 रुपये या उससे ज्यादा वैल्यू का कुछ सामान लेंगे, और ठिक उसी तरह आपको आपका वक़्त भी खर्च करना चाइये। आपके पास पूरे दिन में 86400 सेकण्ड्स होते है और अगर आप इन्हें पैसों की तरह समझेंगे और खर्च करेंगे तो मैं यकीन से कह सकता हु की आप कभी अपना समय फालतू बातो में खर्च नही करेंगे और आप अपने वक़्त का ज़्यादा से ज़्यादा इस्तेमाल करेंगे।
         दोस्तो ये 5 तरीके है तो बहोत आसान लेकिन यकीन से कह सकता हु की ये तरीके अपनाकर आप अपने जीवन को बदल सकते है और सफलता हासिल कर सकते है।
                                                            धन्यवाद!

अगर आपको मेरी पोस्ट पसंद आयी हो तो please शेयर कीजिये और कमेंट किजिये और फॉलो करना न भूले मैं आपको ऐसे रोचक बातो वाली पोस्ट देता रहूंगा मैं आपका दोस्त निष्कर्ष सिद्धार्थ ।
     
    

           

Tuesday, October 16, 2018

ज़िन्दगी मेरी TEACHER : इच्छाशक्ति और ध्यान

 
 
 हेलो दोस्तो ! मैं आपका दोस्त निष्कर्ष सिद्धार्थ! कैसे है आप सभी , मैं आशा करता हु अच्छे ही होंगे। हमने अपने पिछले पोस्ट्स में काफी अच्छे सिद्धांत समझे जो हमे हमारी टीचर ज़िन्दगी सीखना चाहती है, और आज हमे वह सबसे इंटरेस्टिंग पाठ सीखाने वाली है जो मेरा भी फेवरेट है और वह है "इच्छाशक्ति और ध्यान"। मुझे पता है आप सभी सोच रहे होंगे की इच्छाशक्ति और ध्यान में ऐसी क्या बात है जो समझना इतना ज़रूरी है, तो मैं कहना चाहूंगा यही ज़िन्दगी का सबसे ज़रूरी सबक है, क्योकी बिना इच्छाओ के इंसान तो इंसान ही नही है उसे तो शायद हम भगवान कहेंगे। अगर किसी मनुष्य में इच्छा ही ना हो किसी चीज़ को हासिल करने की तो वो शुरवात ही नही करेगा आगे बढ़ने की और इतिहास गवाह है इस बात का की अगर अपने काम में हमारी इच्छा प्रबल हो तो हम वह काम जल्द और बेहतर करते है। उदहारण के लिए हम अक्सर उन विषयो में ज़्यादा अच्छे अंक लेकर आते है जिन्हें हमे पड़ने की इच्छा होती है और इसलिए शायद हम उन विषयो पर फोकस भी कर पाते है, नाकि उन विषयो में जो हम ज़बरदस्ती पड़ते है, और इसीलिए हमे हमारे फेवरेट विषयो में अच्छे अंक मिलते है क्योंकि हमारी इच्छाशक्ति और ध्यान उन्हें हासिल करने में हमे प्रेरित करते है। जहा इच्छा होती है वही हमारा ध्यान या फोकस होता है।अगर हमे किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल करना है  तो सबसे पहले हमे उस सफलता को हासिल करने की तीव्र इच्छा होनी चाइये, अन्यथा वह सफलता हमे कभी प्राप्त नही होगी। 'लॉ ऑफ अट्रैक्शन' का सिद्धांत भी यही सिखाता है की आपकी इच्छा ही आपको प्रेरित करती है आपके मंज़िल तक पहोचने के लिए आपके विचारो को भी पोसिटिव बनाती है। तो आइये दोस्तो समझते है 'इच्छाशक्ति' और 'ध्यान' क्या है?


       आप एक बात समझ लिजिये अगर आप ढेर सारी दौलत कामना चाहते है तो आपमे एक चीज़ होनी चाइये और वह है अमीर बनने की प्रबल इच्छा। आपकी इच्छा ही  आपके अंदर किसी भी कार्य को पूरा करने और अपने लक्ष्य को हासिल करने की ऊर्जा उत्पन्न करती है। कुछ लोग विश्वास करते है की पैसो से ही पैसा कमाया जा सकता है, लेकिन क्या यह सत्य है? मैं कहूंगा नही ये सत्य नही है! अगर ये सत्य होता तो शायद ही कोई गरीब इंसान कभी अमीर भी बन पाता, शायद ही हम धीरू भाई अम्बानीजी को देख पाते या फिर बिलगेट्स जो इस दुनिया का सबसे अमीर इंसान है,क्योंकि शुरवाति दिनों में तो यह सफल लोग गरीब ही थे, इसलिए सबसे पहले हर इंसान को अपने मन से यह विश्वास  को निकलना पड़ेगा की पैसे से ही पैसा कमाया जा सकता है। आपको समझना होगा की प्रबल इच्छा ही पैसा कमाने का सबसे मूल और महत्वपूर्ण माध्यम है। प्रबल इच्छाशक्ति में वह बल होता है की वह सफलता को आमंत्रित कर सकती है और उसे आकर्षित कर आपको सफलता तौफे में दे सकती है। इतिहास के हर महान इंसान में वह इच्छा थी जिनसे उन्होंने सफलता के झंडे गाड़े और इतने महान बने है,क्योंकि वह इच्छाशक्ति का राज़ जानते थे। किन्तु इच्छाशक्ति को प्रबल बनाये रखना इतना भी आसान नही है,क्योंकि एक इंसान एक दिन में अपने मन में 60000 विचार उत्पन्न करता है और उनमे से आधी तो उसकी इच्छाएं ही होती है फिर ज़रा सोचिये की किसी एक इच्छा को वह कैसे प्रबल बना सकता है जबकि उसके पास इतने ऑप्शन और मौजूद हो, तो चिंता मत कीजिये ये चीज़ मुश्किल है नामुमकिन नही अगर होती तो कोई शायद इच्छाशक्ति को काबू नही कर पाता लेकिन कई लोगों ने इसे काबू कर दिखाया है और वह सफल भी बने है बस उसे ज़रूरत होती है अपने मैन को हराने की उसे अपना गुलाम बनाने की। हर वयक्ति को ज़रूरत होती है एक मार्ग की जिसपर वो चलकर सफलता हासिल कर सके, और यही मार्ग बनाती है आपकी इच्छा आपकी चाहत,बस आपको आपकी चाहत समझनी होती है और पूरे ध्यान से उसपर काम करना पड़ता है। आप जितना ध्यान लगाकर उस इच्छा पर काम करोगे सफलता उतनी ही जल्दी आपके नज़दीक होगी। फोकस करना मुश्किल है किन्तु इसपर सही तरीके से प्रैक्टिस की जाए तो यह भी आसान लगने लगता है। आपको शायद आपकी सफलता के रास्ते पर कितने ही लोग मिलेंगे जो आपसे कहेंगे 'आपसे ये नही हो सकता', आपको वह सतायेंगे, गाली देगे,आपको आपके रास्ते से भटकाएँगे, लेकिन अगर आपकी इच्छाशक्ति और ध्यान प्रबल है तो ये लोग आपको ना सुनाई देगे न दिखाई देंगे और यही इच्छाशक्ति और ध्यान की ताक़त होती है । अब प्र्शन आता है की हम कैसे अपने इच्छाशक्ति और ध्यान को प्रबल बनाये ? तो आइये जानते है।


       दोस्तो आप समझ ही गए होंगे की इच्छाशक्ति और ध्यान कितना ज़रूरी है लेकिन इसे काबू करना इतना आसान भी नही है,लेकिन इसपर सही तरीके से प्रैक्टिस की जाए तो काबू किया जा सकता है, बस आपको छोटे छोटे प्रयोग करना है। ये कोई बहोत बड़े महत्वपूर्ण कार्य नही है, लेकिन इसे करने से आप अपनी इच्छाशक्ति पर काबू कर सकते है। आज के इस दौर में सभी के पास मोबाइल फोन है और इसके बिना ज़िन्दगी अधूरी सी लगती है,लेकिन आप कभी इसके बगैर एक दिन रहकर दिखाईये,अगर सुबह उठना पसंद नही है तो सुबह हर रोज़ उठकर दिखाईये, अगर दारू या सिग्गरेट पिये बिना दिन नही गुज़रता तो उसे बिना पिये हफ़्तों निकाल के दिखाईये। अब मुझे पता है की आप क्या सोच रहे की इससे क्या होगा तो मैं कहूंगा साहब इससे आपका आवारा मन आपसे हारना शुरू करेगा और आप सिर्फ अपनी इच्छाओ के मालिक बन जाओगे, और मन यह बात समझ लेगा की मुझे जीना है तो इस इंसान की इच्छाओ के हिसाब से जीना पड़ेगा और वो कभी भी आपको गुमराह नही करेगा और आप सही तरीके से ध्यान लगा पाओगे। ध्यान लगाने के लिए एक सब से अच्छा तरीका है के आप ध्यान करना सीखे मतलब मैडिटेशन करना सीखे यह आसान है बस आपको रोज़ 10 मिनट प्रैक्टिस की ज़रूरत है और एक दिन आप इसमें महिर हो जाओगे और आपका फोकस अव्वल श्रेणी का होगा। शास्त्रो में भी लिखा है- "मन के साथ जीने वाला वयक्ति सदाक नही होता,बल्कि संकल्प के साथ जीने वाला वयक्ति सादक होता है। जिस दिन आप इन छोटे छोटे प्रयागों पर जीत हासिल कर लोगे उस दीन से आपका कॉन्फिडेंस भी काफी बड़ जाएगा और आप पूर्ण रूप से अपनी इच्छाशक्ति के मालिक बन जाओगे, और उस दिन आप खुदमे एक चीज़ पाओगे - ट्रांसफॉर्मेशन !
                                                               धन्यवाद!
अगर आपको मेरी पोस्ट पसंद आयी हो तो please शेयर कीजिये और कमेंट किजिये और फॉलो करना न भूले मैं आपको ऐसे रोचक बातो वाली पोस्ट देता रहूंगा मैं आपका दोस्त निष्कर्ष सिद्धार्थ ।
     
    

Sunday, October 7, 2018

ज़िन्दागी मेरी TEACHER : असफलता और कोशिश

      
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      हेलो दोस्तो ! मैं आपका दोस्त निष्कर्ष सिद्धार्थ! कैसे है आप सभी , बेशक अच्छे ही होंगे । दोस्तो हमने अपने पिछले कुछ posts में बेहद ज़रूरी बाते समझी जो हमे ज़िन्दगी में समझना बहोत ज़रूरी है और मैं आशा करता हु आपको मेरे posts पसंद आये होंगे, और आज के इस post में मैं एक ऐसी चीज़ आपको बताना चाहूंगा जो ज़िन्दगी हमे कभी न कभी तौफे में ज़रूर देती है और वो है "असफलता"। ज़िन्दगी मे असफलता कोई इंसान पसंद नही करता सबको इस असफलता से नफरत होती है लेकिन यह हमारे किस्मत के हिस्से में आ ही जाती है पर यकीन मानिये दोस्तो जो सबक आपको असफलता सीखा सकती है, शायद ही दुनिया की कोई किताब आपको वो सबक सिखायेगि। असफलता किसी भी प्रकार की हो सकती है किसीको को अपने काम में असफलता मिल सकती है, किसीको अपने रिश्तों में असफलता मिल सकती है, कोई वजन कम करने में असफल हो सकता है, तो कोई वजन बड़ाने में, लेकिन सबसे बड़ा धक्का इंसान को तब लगता है जब वो अपने सपनो को हासिल करने में असफल हो, यह पैरो के नीचे से ज़मीन निकलने वाली भावना जैसे होती है, और तब इंसान को समझ नही आता की वो आगे अब क्या करे, उसे लगता है उसके सारे रास्ते अब बंद हो चुके है और उसका जीवन अंधकार में है, लेकिन यकीन मानिये दोस्तो असफलता ही एक ऐसी चाबी है जो आपको अनेक रास्ते ढूंढने का हुनर प्रदान करती है, क्योंकि उसीके बाद हम सही कोशिश शुरू करते है आगे बढ़ने की। असफलता एक ऐसी नदी होती है जो आपको दो रास्ते देती है, या तो आपको कोशिश कर इसे तैरकर पार करना है, या फिर डूब जाना है, लेकिन इस दुनिया में ऐसे बहोत कम लोग है जो असफलता को स्वीकार करते है, और कोशिश कर नदी पार कर लेते है मतलब सफलता हासिल कर लेते है, और ऐसे इंसान ही मिसाल बन सकते है, और ज़िन्दगी में ये कुछ  भी हासिल कर सकते है। तो आइये जानते है जीवन में असफलता और कोशिश का क्या महत्व है जो हमे हमारी teacher ज़िन्दगी सीखना चाहती है।
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       असफलता क्या है ? आप कहेंगे 'हार' ! तो मैं कहूंगा नही असफलता हार नही है ये तो ज़िन्दगी का सबसे बड़ा सबक होता है जो शायद ज़िन्दगी हमे बार बार दे सकती है जब तक आप इससे कुछ सिख ना जाओ लेकिन यकीन मानिये दोस्तो असफलता जो सबक आपको दे सकती है वो दुनिया की कोई किताब नही दे सकती। असफलता ही सफलता की पहली सीड़ी होती है, यह पहला कदम होता है जो सफलता की ओर आपको ले जाता है, जिस तरह कोई शेर अपने शिकार को पकड़ने के लिए एक कदम पीछे लेकर छलांग लगता है उसी तरह असफलता भी हमारा पहला कदम होता है कोई फर्क नही पड़ता की वो पीछे की ओर है क्योंकी उसकी मंज़िल तो अंत में सफलता ही होती है बस ज़रूरत होती है की हम कोशिश कभी न छोडे। असफलता हमे एक ताक़त प्रदान करती है और वह है 'साहस' क्योंकि हम असफलता से अपनी गलतिया सिख लेते है जो की हमने अपने past में की होती है और उसी को समझकर हम future में गलतिया नही दोहराते जिस वजह से हम अपने आप सफलता की ओर बढ़ने लगते है और हमे कोई डर नही होता। बस आपको ज़रूरत है अपनी असफलता स्वीकारने की और आगे बढ़ने की। अपनी असफलता पर रोने वाले कभी कुछ नही कर सकते वो शायद ज़िन्दगी भर रोते ही रहेंगे और अपनी असफलताओ का दोष किसी ओर को देते रहेंगे, इसलिए कोशिश करनी चाइये अपने आप में बदलाव लाने की नाकि किसीको अपनी असफलताओ का ज़िम्मेदार ठेहराने की। असफलताओ के बाद गलतियों का पता लगता है बस उसे खत्म करे और आगे बड़े, क्योंकि शायद आप एक बार मैदान में हार भी जाओ तो वापस लड़कर जीत भी सकते हो लेकिन अगर आप अपने आंतरिक मन से ही हार जाओ तो कुछ नही हो सकता इसलिए प्रयास करना बहोत ज़रूरी है।
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       आपकी असफलता पर बेशक दुनिया हँसती होगी लेकिन आपको उन्हें अपनी असफलताओ की कोई सफाई नही देनी है, आपको बस सफलता की ओर बढ़ने की कोशिश करते रहना है, यकीन मानिये दोस्तो वक़्त उन्हें एक दिन आपकी सफलता का सबूत ज़रूर देगा। आपका हिम्मत ही आपका साथी है आपको बस कोशिश करते रहना है क्योंकि आपकी कोशिश ही आपको सफलता का रास्ता देगी भले ही इस रास्ते में कितनी ही असफलताएं क्यों न आये। रास्ते कितने भी कठीन हो बस बिना रुके चलिये क्या फर्क पड़ता है अगर गिर भी गए तो बस मंज़िल पाने की चाहत होनी चाइये। किसी महापुरुष ने कहा है "मेहनत कीजिये खामोशी से वक़्त आएगा जब आपकी सफलता शोर मचाएगी।"अगर आप कभी असफल हो भी गए और लगा की अब कुछ नही हो सकता तो एक चीज़ है जो हमेशा आपके काम आएगी और वो है आपकी सफल बनने की 'उम्मीद' जिसे अपको कभी खत्म नही होने देना है और यही आपको ताक़त देगी कोशिश करने की आपको सफल बनाने की और आप ही बताइये इससे अच्छा क्या तरीका हो सकता है ज़िन्दगी जीने का क्योंकि असफलता का डर ही नही होगा अगर हमारे पास होगि उम्मीद। स्वामी विवेकानंदजी से एक बार किसी वयक्ति ने सवाल पूछा की अगर कोई व्यक्ति अपना सब कुछ खो दे तो उसके जीवन में उससे बडी बर्बादी क्या होगी तब स्वामीजी ने जवाब दिया- "अगर वही वयक्ति उम्मीद खो दे उन चीज़ों को दोबारा हासिल करने की।"कहने का मतलब ये है की हमे कभी भी असफलता से निराश होकर बैठना नही चाइये बल्कि उससे सकब लेकर निरंतर प्रयास करना चाइये। उदहारण: एल्बर्ट आइंस्टाइन विश्व के एक महान वैज्ञानिक माने जाते है लेकिन क्या आपको पता है वो कितनी ही असफलताओ से झुझकर इतने महान बने है क्योंकि उन्होंने सिर्फ दो चीज़े नही छोड़ी और वह है उम्मीद और कोशिश ।
                                                         धन्यवाद!  
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