Tuesday, October 16, 2018

ज़िन्दगी मेरी TEACHER : इच्छाशक्ति और ध्यान

 
 
 हेलो दोस्तो ! मैं आपका दोस्त निष्कर्ष सिद्धार्थ! कैसे है आप सभी , मैं आशा करता हु अच्छे ही होंगे। हमने अपने पिछले पोस्ट्स में काफी अच्छे सिद्धांत समझे जो हमे हमारी टीचर ज़िन्दगी सीखना चाहती है, और आज हमे वह सबसे इंटरेस्टिंग पाठ सीखाने वाली है जो मेरा भी फेवरेट है और वह है "इच्छाशक्ति और ध्यान"। मुझे पता है आप सभी सोच रहे होंगे की इच्छाशक्ति और ध्यान में ऐसी क्या बात है जो समझना इतना ज़रूरी है, तो मैं कहना चाहूंगा यही ज़िन्दगी का सबसे ज़रूरी सबक है, क्योकी बिना इच्छाओ के इंसान तो इंसान ही नही है उसे तो शायद हम भगवान कहेंगे। अगर किसी मनुष्य में इच्छा ही ना हो किसी चीज़ को हासिल करने की तो वो शुरवात ही नही करेगा आगे बढ़ने की और इतिहास गवाह है इस बात का की अगर अपने काम में हमारी इच्छा प्रबल हो तो हम वह काम जल्द और बेहतर करते है। उदहारण के लिए हम अक्सर उन विषयो में ज़्यादा अच्छे अंक लेकर आते है जिन्हें हमे पड़ने की इच्छा होती है और इसलिए शायद हम उन विषयो पर फोकस भी कर पाते है, नाकि उन विषयो में जो हम ज़बरदस्ती पड़ते है, और इसीलिए हमे हमारे फेवरेट विषयो में अच्छे अंक मिलते है क्योंकि हमारी इच्छाशक्ति और ध्यान उन्हें हासिल करने में हमे प्रेरित करते है। जहा इच्छा होती है वही हमारा ध्यान या फोकस होता है।अगर हमे किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल करना है  तो सबसे पहले हमे उस सफलता को हासिल करने की तीव्र इच्छा होनी चाइये, अन्यथा वह सफलता हमे कभी प्राप्त नही होगी। 'लॉ ऑफ अट्रैक्शन' का सिद्धांत भी यही सिखाता है की आपकी इच्छा ही आपको प्रेरित करती है आपके मंज़िल तक पहोचने के लिए आपके विचारो को भी पोसिटिव बनाती है। तो आइये दोस्तो समझते है 'इच्छाशक्ति' और 'ध्यान' क्या है?


       आप एक बात समझ लिजिये अगर आप ढेर सारी दौलत कामना चाहते है तो आपमे एक चीज़ होनी चाइये और वह है अमीर बनने की प्रबल इच्छा। आपकी इच्छा ही  आपके अंदर किसी भी कार्य को पूरा करने और अपने लक्ष्य को हासिल करने की ऊर्जा उत्पन्न करती है। कुछ लोग विश्वास करते है की पैसो से ही पैसा कमाया जा सकता है, लेकिन क्या यह सत्य है? मैं कहूंगा नही ये सत्य नही है! अगर ये सत्य होता तो शायद ही कोई गरीब इंसान कभी अमीर भी बन पाता, शायद ही हम धीरू भाई अम्बानीजी को देख पाते या फिर बिलगेट्स जो इस दुनिया का सबसे अमीर इंसान है,क्योंकि शुरवाति दिनों में तो यह सफल लोग गरीब ही थे, इसलिए सबसे पहले हर इंसान को अपने मन से यह विश्वास  को निकलना पड़ेगा की पैसे से ही पैसा कमाया जा सकता है। आपको समझना होगा की प्रबल इच्छा ही पैसा कमाने का सबसे मूल और महत्वपूर्ण माध्यम है। प्रबल इच्छाशक्ति में वह बल होता है की वह सफलता को आमंत्रित कर सकती है और उसे आकर्षित कर आपको सफलता तौफे में दे सकती है। इतिहास के हर महान इंसान में वह इच्छा थी जिनसे उन्होंने सफलता के झंडे गाड़े और इतने महान बने है,क्योंकि वह इच्छाशक्ति का राज़ जानते थे। किन्तु इच्छाशक्ति को प्रबल बनाये रखना इतना भी आसान नही है,क्योंकि एक इंसान एक दिन में अपने मन में 60000 विचार उत्पन्न करता है और उनमे से आधी तो उसकी इच्छाएं ही होती है फिर ज़रा सोचिये की किसी एक इच्छा को वह कैसे प्रबल बना सकता है जबकि उसके पास इतने ऑप्शन और मौजूद हो, तो चिंता मत कीजिये ये चीज़ मुश्किल है नामुमकिन नही अगर होती तो कोई शायद इच्छाशक्ति को काबू नही कर पाता लेकिन कई लोगों ने इसे काबू कर दिखाया है और वह सफल भी बने है बस उसे ज़रूरत होती है अपने मैन को हराने की उसे अपना गुलाम बनाने की। हर वयक्ति को ज़रूरत होती है एक मार्ग की जिसपर वो चलकर सफलता हासिल कर सके, और यही मार्ग बनाती है आपकी इच्छा आपकी चाहत,बस आपको आपकी चाहत समझनी होती है और पूरे ध्यान से उसपर काम करना पड़ता है। आप जितना ध्यान लगाकर उस इच्छा पर काम करोगे सफलता उतनी ही जल्दी आपके नज़दीक होगी। फोकस करना मुश्किल है किन्तु इसपर सही तरीके से प्रैक्टिस की जाए तो यह भी आसान लगने लगता है। आपको शायद आपकी सफलता के रास्ते पर कितने ही लोग मिलेंगे जो आपसे कहेंगे 'आपसे ये नही हो सकता', आपको वह सतायेंगे, गाली देगे,आपको आपके रास्ते से भटकाएँगे, लेकिन अगर आपकी इच्छाशक्ति और ध्यान प्रबल है तो ये लोग आपको ना सुनाई देगे न दिखाई देंगे और यही इच्छाशक्ति और ध्यान की ताक़त होती है । अब प्र्शन आता है की हम कैसे अपने इच्छाशक्ति और ध्यान को प्रबल बनाये ? तो आइये जानते है।


       दोस्तो आप समझ ही गए होंगे की इच्छाशक्ति और ध्यान कितना ज़रूरी है लेकिन इसे काबू करना इतना आसान भी नही है,लेकिन इसपर सही तरीके से प्रैक्टिस की जाए तो काबू किया जा सकता है, बस आपको छोटे छोटे प्रयोग करना है। ये कोई बहोत बड़े महत्वपूर्ण कार्य नही है, लेकिन इसे करने से आप अपनी इच्छाशक्ति पर काबू कर सकते है। आज के इस दौर में सभी के पास मोबाइल फोन है और इसके बिना ज़िन्दगी अधूरी सी लगती है,लेकिन आप कभी इसके बगैर एक दिन रहकर दिखाईये,अगर सुबह उठना पसंद नही है तो सुबह हर रोज़ उठकर दिखाईये, अगर दारू या सिग्गरेट पिये बिना दिन नही गुज़रता तो उसे बिना पिये हफ़्तों निकाल के दिखाईये। अब मुझे पता है की आप क्या सोच रहे की इससे क्या होगा तो मैं कहूंगा साहब इससे आपका आवारा मन आपसे हारना शुरू करेगा और आप सिर्फ अपनी इच्छाओ के मालिक बन जाओगे, और मन यह बात समझ लेगा की मुझे जीना है तो इस इंसान की इच्छाओ के हिसाब से जीना पड़ेगा और वो कभी भी आपको गुमराह नही करेगा और आप सही तरीके से ध्यान लगा पाओगे। ध्यान लगाने के लिए एक सब से अच्छा तरीका है के आप ध्यान करना सीखे मतलब मैडिटेशन करना सीखे यह आसान है बस आपको रोज़ 10 मिनट प्रैक्टिस की ज़रूरत है और एक दिन आप इसमें महिर हो जाओगे और आपका फोकस अव्वल श्रेणी का होगा। शास्त्रो में भी लिखा है- "मन के साथ जीने वाला वयक्ति सदाक नही होता,बल्कि संकल्प के साथ जीने वाला वयक्ति सादक होता है। जिस दिन आप इन छोटे छोटे प्रयागों पर जीत हासिल कर लोगे उस दीन से आपका कॉन्फिडेंस भी काफी बड़ जाएगा और आप पूर्ण रूप से अपनी इच्छाशक्ति के मालिक बन जाओगे, और उस दिन आप खुदमे एक चीज़ पाओगे - ट्रांसफॉर्मेशन !
                                                               धन्यवाद!
अगर आपको मेरी पोस्ट पसंद आयी हो तो please शेयर कीजिये और कमेंट किजिये और फॉलो करना न भूले मैं आपको ऐसे रोचक बातो वाली पोस्ट देता रहूंगा मैं आपका दोस्त निष्कर्ष सिद्धार्थ ।
     
    

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